Love Marriage सिर्फ एक दिन में
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Love Marriage सिर्फ एक दिन में

 



अगर आप भी लव मैरिज कर रहे हैं या करना चाहते हैं। और चाहते है कि आपकी शादी कानूनी तरीके से जल्दी से हो जाए इसके लिए आपके पास तीन तरीके हैं। पहला, हिन्दू मैरिज एक्ट से मैरिज और कोर्ट रजिस्ट्रेशन और दूसरा स्पेशल मैरिज एक्ट से कोर्ट मैरिज। यह दोनों तरीके अलग है और दोनों में ही अलग-अलग समय और लगता है। हम आपको इस लेख में बताएंगे कि कैसे आप लव मैरिज कानूनी तरीकों से कर सकते हैं और अगर आपको जल्दी से इसे करना है तो उसका रास्ता क्या होगा।

 

एक दिन में कैसे करें Love Marriage

अगर आप केवल एक दिन में शादी करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको पहले आर्य समाज में शादी करनी होगी, फिर उसी शादी का कोर्ट से हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 के तहत रजिस्ट्रेशन करा सकते है। यह एक्ट हिन्दू, बौद्ध, सिख या जैन लोगों पर ही लागू होता है। अगर आप मुस्लिम या ईसाई हैं तो आप हिंदू धर्म में परिवर्तन करके हिंदू मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर कर सकते है।

रजिस्ट्रेशन के कुछ दिनों में आपको एक मैरिज सर्टिफिकेट मिलता है। यह  सर्टिफिकेट कानूनी रूप से आपकी शादी वैलिड होने का प्रूफ है। साथ ही, यह सर्टिफिकेट शादी करने वालो जोडे को पुलिस प्रोटेक्शन, स्पाउस वीज़ा, जॉइंट प्रॉपर्टी के लिए लोन, वर्क परमिट आदि लेने में मदद करता है। इस पूरे प्रोसेस में लगभग 4 घंटे लगते हैं।

स्पेशल मैरिज एक्ट से शादी

इसका दूसरा तरीका स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कोर्ट मैरिज करना है। लेकिन इसमे 1-2 दिनों में कोर्ट मैरिज करना संभव नहीं है। भारत में कोर्ट मैरिज को पूरा होने में कम से कम 30-40 दिन लगते हैं। कोर्ट मैरिज में किसी धर्म के रीती रिवाज़ नहीं अपनाये जाते। यह बिना समारोह के होता है। कोर्ट मैरिज के लिए कपल को कोर्ट में एक अप्लीकेशन देनी होती है। फिर उस अप्लीकेशन को 30 दिनों के लिए नोटिस बोर्ड पर लगाया जाता है।

इन 30 दिनों में लड़का और लड़की की फैमिली और रिश्तेदार उनकी शादी पर आपत्ति जता सकते है। जांच करने पर अगर आपत्ति सही साबित हो जाती है, तो शादी नहीं हो सकती है। अगर कोई आपत्ति नहीं आती है या गलत साबित होती है तो कपल की कोर्ट मैरिज करा दी जाती है। और कुछ दिनों बाद उनका मैरिज सर्टिफिकेट भी इशू कर दिया जाता है।

 

दोनों ही तरह कि शादी में लडका लडकी के उम्र व शिक्षा के दस्तावेजों के प्रूफ के साथ-साथ शादी के गवाहों की जरूरत भी रहती है जिन्हें मैरिज रजिस्ट्रार के सामने पेश होकर अपने दस्तावेज न सिर्फ दिखाने होते है साथ ही मैरिज रजिस्टर में हस्ताक्षर भी करने होते हैं।


एडवोकेट ललित मैनी 

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